सरकार द्वारा बीपीएल (BPL) और एवाई (AY) राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दी गई है। अब जिन लाभार्थियों ने 31 जुलाई 2025 तक ई-केवाईसी नहीं करवाई, उन्हें अगले महीने से राशन नहीं मिलेगा। यह फैसला डबल राशन लेने वालों पर शिकंजा कसने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लिया गया है। फ़तेहाबाद जिले में अब तक कुल 64.58 प्रतिशत लाभार्थियों ने अपनी ई-केवाईसी पूरी कर ली है, जबकि 1016 लाभार्थियों को रिजेक्ट कर दिया गया है।
क्या है ई-केवाईसी और क्यों जरूरी है?
बीपीएल व एवाई राशन कार्डधारकों को अपने आधार नंबर को राशन कार्ड से लिंक करवाना होता है और उसे पोर्टल पर वेरीफाई भी करना होता है। इसी प्रक्रिया को ई-केवाईसी कहते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक और पात्र लाभार्थियों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
जिले में अब तक की प्रगति
फ़तेहाबाद जिले के 1 लाख 91 हजार 432 राशन कार्डधारकों में से 1 लाख 24 हजार 98 लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। जबकि 212 लाभार्थियों के नाम विभागीय कारणों से रिजेक्ट किए गए हैं और 1016 लाभार्थी ऐसे हैं जिन्हें तकनीकी या दस्तावेजी कारणों से रिजेक्ट किया गया है।
ब्लॉकवार स्थिति कुछ इस प्रकार है:
ब्लॉक | कुल लाभार्थी | किए गए ई-केवाईसी | प्रतिशत |
---|---|---|---|
फतेहाबाद | 55642 | 201491 | 63.1% |
भूना | 26033 | 95152 | 63.8% |
रतिया | 37198 | 139674 | 64.58% |
जाखल | 11598 | 43418 | 65.7% |
टोहाना | 37961 | 139674 | 65.8% |
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि जिले में लगभग दो तिहाई लाभार्थियों ने समय पर ई-केवाईसी करा ली है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग बचे हुए हैं।
केंद्र सरकार ने दिए हैं सख्त निर्देश
राज्य सरकार को निर्देश मिले हैं कि 31 जुलाई तक ई-केवाईसी नहीं कराने वालों को अगली बार से राशन न दिया जाए। साथ ही डबल राशन लेने वालों की जांच भी शुरू कर दी गई है। अगर कोई व्यक्ति दो जगह से राशन ले रहा है, तो उसे भी योजना से बाहर कर दिया जाएगा।
खुद कर सकते हैं ई-केवाईसी
लाभार्थी अपनी ई-केवाईसी खुद भी कर सकते हैं। इसके लिए:
- परिवार पहचान पत्र (PPP) पोर्टल पर जाकर लॉगिन करें।
- अपने आधार नंबर को अपडेट करें।
- ओटीपी के जरिए आधार वेरीफाई करें।
अगर यह प्रक्रिया खुद नहीं कर पा रहे हैं, तो नजदीकी CSC केंद्र या सरपंच से मदद ली जा सकती है।
फर्जी कार्ड और डुप्लीकेट राशन वितरण पर सख्ती
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक जिले में 4 लाख 50 हजार 898 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 1491 लोगों के कार्ड में गड़बड़ी पाई गई है। इन्हें सुधार के लिए निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विभाग अब राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल सिस्टम का प्रयोग बढ़ा रहा है।